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उपाध्याय श्री विनिश्चल सागर जी द्वारी #जैनसंत #उपाध्याय #jain #muni #jaindharm #vishudhsagar
22/12/2024 | स्वयंभू स्तोत्र | श्लोक – 23 प्रवचन 02 | वस्तु स्वरूप | बेलगाँव
22/12/2024 | मंगल प्रवचन आचार्य श्री सिद्ध सेन महाराज जी | बेलगाँव
क्षुल्लिका सुंदर मति माता जी पपौरा जी #jaindharm #पट्टाचार्य #जैन #jainsant #jainsadhvi #sant
आर्यिका प्रशम मति, आर्यिका उपशम मति माता जी ससंघ बानपुर #jaindharm #jain #dharm #पट्टाचार्य #jain
मुनिमुनि श्री प्रक्षाल सागर जी , मुनि श्री रत्नत्रय सागर जी गुढा ललितपुरश्री प्रक्षाल सागर जी
21/12/2024 | मंगल प्रवचन आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी | बस्तवाड कर्नाटक
*उपाध्याय श्री आदिश सागर जी बड़ामलहरा #jaindharm #jain #vishudhsagarjimaharaj #जैनसाधु #जैनधर्मी
21/12/2024 | आचार्य श्री सिद्ध सेन महाराज जी | कर्नाटक
21/12/2024 | वारसाणुपेक्खा | श्लोक 01 | गाथा 31 | धर्म बुद्धि छोड़ , संसारी | कर्नाटक
21/12/2024 | द्रव्यसंग्रह | गाथा 04 | उपयोग का वर्णन | कर्नाटक
21/12/2024 | नीतिवाक्यामृत | मंत्री 134 | अधीरता ही असफलता में हेतु | कर्नाटक
आर्यिका तपोमति माता जी ससंघ आहार जी #jaindharm #jain #mataaji #जैनसंत #संत #साध्वी #जैन
मुनि श्री सुप्रभ सागर जी टीकमगढ़ #vidhyasagarji #sant #साधु #महात्मा #संत #पट्टाचार्य #इंदौर
गणिनी आर्यिका भाग्यमती माता जी सोनागिरि #mataji #jainsant #sadhu #sadhvi #sonagir #santvani #sant
गणिनी आर्यिका कीर्ति मति माता जी सोनागिरि #motivation #आचार्यरत्नविशुद्धसागरजी #पट्टाचार्य #माताजी
20/12/2024 | स्वयंभू स्तोत्र | श्लोक – 22 प्रवचन 01 | अनेक में कं | KARNATKA
भगवान की भक्ति करो यह न देखो क्या मिल रहा है क्या नही #भक्ति #भगवान #bhakt #dev #guru #bhagwan
बृद्ध माँ को एक गिलाश पानी नही ओर जिससे राग नही उसको सब कुछ #love #प्यार #motivation #जैन #माँ #maa
19 /12/2024 | जैन न्याय परीक्षामुख | अध्याय 03 सूत्र 54 | विधि ओर प्रतिषेध वचन और वस्तुभूत | कर
19/12/2024 | द्रव्यसंग्रह | गाथा 02 | जीवत्व अधिकार | कर्नाटक
19/12/2024 | नीतिवाक्यामृत | मंत्री 133 | धैर्यवान ही पुरुष | कर्नाटक
18/12/2024 | 53 व अवतरण दिवस आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी | कर्नाटक
18/12/2024 | स्वयंभू स्तोत्र | श्लोक – 23 प्रवचन 01| जन्म का महत्व | KARNATKA
17/12/2024 | जैन न्याय परीक्षामुख | अध्याय 03 सूत्र 54 | दोनो हेतुओं से विधि प्रतिषेध साध्य | कर्न
17/12/2024 | वारसाणुपेक्खा | श्लोक 01 | गाथा 30 | संसार भ्रमण के हेतु | कर्नाटक
17/12/2024 | द्रव्यसंग्रह | गाथा 02 | जीव्य द्रव्य के अधिकार | कर्नाटक
17/12/2024 | नीतिवाक्यामृत | मंत्री 132 | निम्न प्रकृति पुरुष के लक्षण | कर्नाटक
16/12/2024 | जैन न्याय परीक्षामुख | अध्याय 03 सूत्र 53 | हेतु के भेद | कर्नाटक
16/12/2024 | नीतिवाक्यामृत | मंत्री 131 | क्षीरवृक्ष वत सज्जन उपदेश | कर्नाटक
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